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| Source- JRASB, 1841 |
वर्ष 1841 ई० की एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल की रिपोर्ट के अनुसार सिंध का राजा चाच था। चाच के दो बेटे थे दाहिर और दिहिर।
दाहिर सिंध का राजा था और दिहिर बुरहमानाबाद का गवर्नर था। दिहिर एक पारिवारिक समस्या के कारण दाहिर से नाराज हो गया और अपने बड़े भाई दाहिर को सजा देने की सोची। माँ के समझाने पर दिहिर मान गया।
कुछ समय बाद चेचक से दिहिर की मृत्यु हो गयी।
एशियाटिक सोसाइटी की रिपोर्ट के अनुसार दाहिर के राज्य के विकास को देखकर हिन्द के राजाओं ने कन्नौज के गवर्नर रणमल को दाहिर से युद्ध करने के लिए उकसाया।
हिन्द के राजाओं द्वारा दाहिर पर आक्रमण करने की खबर दाहिर पता चल गई। हिन्द के राजाओं ने दाहिर से युद्ध के लिए युद्ध क्षेत्र में डेरा डाल दिया।
दाहिर ने हिन्द के राजाओं के विरुद्ध युद्ध के लिए अरबों से सहायता माँगी और मोहम्मद उलाफी के नेतृत्व में भाड़े के 5000 सैनिक बुलवाए।
दाहिर की सेना और अरब मोहम्मद उलाफी की सेना ने रात में हिन्द के राजाओं के कैम्प पर सोते हुए हमला कर दिया और राजा, सेनापतियों की हत्या कर दी और करीब 80,000 सैनिकों को बंदी बनाया।
इस घटना के बाद दाहिर ने 25 वर्षों तक सिंध पर राज किया।
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