अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं ।।
ब्रह्मा के शरीर से निकला भौतिक रूप हूँ मैं।
विष्णु में बसने वाला वो प्राण हूँ मैं ।।
अनिष्ट को अवशोषित करने वाला महाकाल हूँ मैं।
अधर्म के लिए काल बनने वाला भगवा रंग हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं ।।
राम , कृष्ण के त्याग का परिणाम हूँ मैं ।
सीता की अग्नि परीक्षा की जीवित मिसाल हूँ मैं।।
गजानन को रचने वाला वो विज्ञानं हूँ मैं।
जन्म बन्धनों से मुक्ति देने वाला मोक्ष रूपी ज्ञान हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं।।
भरत की संतान का स्वाभिमान हूँ मैं।
चरक, चाणक्य, शुक्र के मस्तिष्क का तेज हूँ मैं।।
चन्द्रगुप्त, प्रथ्वी, राणा, वीर शिवा की अमर गाथा हूँ मैं।
भूत , वर्त्तमान, भविष्य को जोड़ने वाला वो काल हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं।।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं ।।
ब्रह्मा के शरीर से निकला भौतिक रूप हूँ मैं।
विष्णु में बसने वाला वो प्राण हूँ मैं ।।
अनिष्ट को अवशोषित करने वाला महाकाल हूँ मैं।
अधर्म के लिए काल बनने वाला भगवा रंग हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं ।।
राम , कृष्ण के त्याग का परिणाम हूँ मैं ।
सीता की अग्नि परीक्षा की जीवित मिसाल हूँ मैं।।
गजानन को रचने वाला वो विज्ञानं हूँ मैं।
जन्म बन्धनों से मुक्ति देने वाला मोक्ष रूपी ज्ञान हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं।।
भरत की संतान का स्वाभिमान हूँ मैं।
चरक, चाणक्य, शुक्र के मस्तिष्क का तेज हूँ मैं।।
चन्द्रगुप्त, प्रथ्वी, राणा, वीर शिवा की अमर गाथा हूँ मैं।
भूत , वर्त्तमान, भविष्य को जोड़ने वाला वो काल हूँ मैं।।
अनंत काल तक चलने वाला प्राण हूँ मैं ।
श्वाश्वत, निर्मल ,अजन्मा सनातन हूँ मैं।।
