Monday, March 5, 2012

आजकल सरकार को बी टी सरसों  नाम का भूत सवार  है जिसकी खेती के लिए राजस्थान में तीन जिलो में विरोध के वावजूद मंजूरी दे दी है इन गधो पर यूरोप का रंग चडा रहता है ये इस छोटी सी बात को समझ पाते कि यूरोप  में कुकुरमुत्तो की तरह देश है जिनके पास खेती करने के लिए पर्याप्त जमीन नहीं है इसलिए ऐसी खुराफातें करना उनकी मजबूरी है पर भारत में इसकी कोई जरूरत नहीं पर ऑक्सफोर्ड के चौकीदार ये समझेगें नहीं , उपजाऊ जमीन पर हाई टेक सिटी बनाते है और रेगिस्तान बी टी खेती की बात करते है पता नहीं ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज में कैसे उल्लू बैठे है जो इन जैसे गधो को डिग्री दे देते है और यहाँ आके ये छाती पीट-पीट के प्रलाप करते है हाय टेकनोलोजी  - हाय टेकनोलोजी। हम जैसे ताजी रोटी पका कर खाने वाले लोग इन्हें पिछड़े लगते है और यूरोप वाले जो , पाव रोटी और डबल रोटी जो आटे को सडा कर बनाये जाते है उन्हें ये उल्लू काबिल समझते है। एक बेवकूफ गया नहीं यूरोप या अमेरिका एक नया भूत लेकर आ जाता है फिर हमारा टाइम ख़राब करता है। इन गधो को गधा बोलो तो इन्हें मिर्च लगना शुरू हो जाती है कोई काम के टाइम पे पोर्न मूवी देखता है तो कोई चिघाड-चिघाड के आरक्षण को मागंता है फिर उनकी अम्मा बोलती है कि ये गधे  कम चिघाड़ते तो हमें ज्यादा वोट मिलते, पता नहीं ये सब कीड़े कौन सी दुनिया में रहते है जो इन्हें कुछ पता ही नहीं ,एक दो साल के बच्चे की तरह रोते है गलती करके  न इनके घरवाले या बच्चे कुछ कहते है कि भाई तुम्हें तो अपनी इज्ज़त की चिंता नहीं तो हमारी की कर लो।          

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