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| Source- JRASB,1832 & The Life of Buddha, 1931 |
वर्ष 1832 ई० एशियाटिक सोसाइटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बती ग्रंथ डुल-वा-झुंग-ला-मा (Dul-va-zhung-la-ma) में भगवान बुद्ध को अयोध्या के राजा इक्ष्वाकु का वंशज बताया गया है, डुल-वा-झुंग-ला-मा को संस्कृत में विनय उत्तर ग्रंथ कहते है।
वर्ष 1931 ई० में Edward J Thomas ने अपनी पुस्तक The Life of Buddha as Legend and History में भगवान बुद्ध को विशुद्ध क्षत्रिय कुल का बताया गया है।
वर्ष 1832 ई० एशियाटिक सोसाइटी की रिपोर्ट में भी भगवान बुद्ध को सूर्यवंशी कुल के राजा इक्ष्वाकु का वंशज बताया गया है।
भगवान बुद्ध की पूजा श्रीहरि विष्णु ने नवें अवतार के रूप में होती थी, इस विषय पर शीघ्र ही तथ्यों के साथ नया लेख प्रकाशित किया जाएगा।
