सोनिया गाँधी सप्रसंग की मीटिंग में- अरे मनमोहन जी , हम चारो ओर से भ्रस्टाचार ओर घोटालों के मुद्दों से घिर गए है जिससे हमारी सरकार का काम करना मुश्किल हो गया है और हमारी लूटपाट से सरकारी खजाना खाली हो गया है ओर आने वाले चुनावो में जीतना मुश्किल लग रहा है , ऐसा क्या करना चाहिए जिससे हम पूरी तरह से बच जाएँ।
फारुख अबुदुल्लाह सोनिया से - में उमर से कश्मीर मुद्दा ओर अफ्सा का मुद्दा उछालने को बोलता हूँ ।
ममता बनर्जी सोनिया से - में नक्सालवादियो को मुद्दा उछालती हूँ ।
सोनिया - ये अच्छा रहेगा ओर जनता ओर मीडिया का ध्यान हमारी ओर से हट जाएगा ।
मनमोहन सिंह - पर इससे मैडम अंतररास्ट्रीय स्तर पर गलत सन्देश जाएगा ।
सोनिया- आप चुप रहो , पर सरकारी खजाने का क्या ।
प्रणब मुखर्जी - मैडम में तेल कंपनियों से पट्रोल , डीज़ल ओर रसोई गैस के दाम बढाने को बोलता हूँ ।
मनमोहन सिंह - पर जनता से क्या कह के दाम बदायेगे ।
प्रणब - कह देगें कि अंतररास्ट्रीय बाज़ार में तेल के दाम बढ गए है ।
मनमोहन सिंह - पर पडोसी देशों में तो दाम स्थिर है ।
सोनिया - आप चुप रहो , आपका सचिव जो नोट दे बस उसे जनता के सामने पढ़ देना , हाँ ये ठीक रहेगा ऐसा ही करो , जनता तो बेवकूफ है चार दिन में भूल जायेगी ।
राहुल गाँधी सोनिया से - मम्मी मम्मी में यू पी में घूम के आता हूँ ।
सोनिया - हाँ बेटा ठीक है , पर खाना कहाँ खाओगे ।
राहुल - वही किसी गरीब से मांग के खा लूँगा , उधार लेकर तो खिलायेगा ।
मीटिंग समाप्त ।