हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो ,
माया जाल अन्धकार में खोया है मम ह्रयद ,
उस ह्रयद को प्रकाश रूपी पथ के दीप दिखाओ ,
हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो |
उद्देश्य विहीन जीवन का अंत ही दीखता है मुझको ,
उसे मातभूमि के चरणों में अर्पित कर अमर जीवन दान दो ,
हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो |
भगत, आजाद, सुभाष ने निज क्षत्र धम पूर्ण किया,
अब मेरी बारी है क्षिति पर शीश चढाने की ,
हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो |
विषय कामनाओं में आसक्त हुआ है मन मेरा ,
उसे मात धर्म के लौह संकल्प से पूर्ण करो,
हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो |
आज़ादी की इस लौ में अपना धम पूर्ण करूँ,
विकास पथ पर मम सर्वस्व दान करूँ,
हे प्रभु निज अंतर्मन अन्धकार दूर करो |
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