Saturday, February 4, 2012

एक भारतीय सियाचिन सेनिक का अपनी मरी हुई माँ को लिखा हुआ खत-

प्रणाम माँ,
"माँ" बचपन में मैं जब भी रोते रोते सो जाया करता था तोह तू चुपके से मेरे सिरहाने खिलोने रख दिया करती थी और कहती थी की ऊपर से एक परी ने आके रखा है और कह गई है की अगर मैं फिर कभी रोया तोह खिलोने नहीं देगी! लेकिन इस मरते हुए देश का सेनिक बनके रो तोह मैं आज भी रहा हूँ पर अब ना तू आती है और ना तेरी परी! परी क्या....... यहाँ
5,753  मीटर ऊपर तोह परिंदा भी नहीं मिलता!
मात्र 14 हज़ार के लिए मुझे कड़े अनुशासन में रखा जाता है, लेकिन वोह अनुशासन ना इन भ्रष्ट नेताओं के लिए है और ना इन मनमौजी देशवासियों!
रात भर जगते तोह हम भी है लेकिन अपनी देश के सुरक्षा के लिए लेकिन वोह जगते है "लेट नाईट पार्टी" लिए!
इस -12 डिग्री में आग जला के अपने को गरम करते है लेकिन हमारे देश के नेता हमारे ही पोशाको, कवच, बन्दूको, गोलियों और जहाजों में घोटाले करके अपनी जेबे गरम करते है!
आतंकियों से मुठभेड़ में मरे हुए सेनिको की संख्या को न्यूज़ चैनल नहीं दिखाया जाता लेकिन सचिन के शतक से पहले आउट हो जाने को देश के राष्टीय शोक की तरह दशाया जाता है!
हर चार-पांच सालो ने हमे एक जगह से दुसरे जगह उठा के फेंक दिया जाता है लेकिन यह नेता लाख चोरी करले बार बार उसी विधानसभा - संसद में पहुंचा दिए जाते है!
मैं किसी आतंकी को मार दूँ तोह पूरी राजनितिक पार्टियां वोट के लिए उसे बेकसूर बना के मुझे कसूरवार बनाने में लग जाती है लेकिन वोह आये दिन अपने अपने भ्रष्टाचारो से देश को आये दिन मारते है, कितने ही लोग भूखे मरते है, कितने ही किसान आत्महत्या करते है, कितने ही बच्चे कुपोषण का शिकार होते है लेकिन उसके लिए इन नेताओं को जिम्मेवार नहीं ठहराया जाता?
निचे अल्पसंख्यको के नाम पर आरक्षण बाटा जा रहा है लेकिन आज तक मरे हुए शहीद सेनिको की संख्या के आधार पर कभी किसी वर्ग को आरक्षण नहीं दिया गया?

मैं दुखी हूँ इस मरे हुए संवेदनहीन देश का सेनिक बनके! यह हमे केवल याद करते है 26 जनवरी को और 15 अगस्त को! बाकी दिन तो इनको शाहरुख़, सलमान, सचिन, युवराज की फ़िक्र रहती है!
हमारी स्तिथि ठीक वैसे ही पागल किसान की तरह है जो अपने मरे हुए बेल पर भी कम्बल डाल के खुद ठंड में ठिठुरता रहता है!

मैंने गलती की इस देश का रक्षक बनके!
तू भगवान् के जाएदा करीब है तोह उनसे कह देना की अगले जनम मुझे अगर इस देश में पैदा करे तोह सेनिक ना बनाए और अगर सेनिक बनाए तोह इस देश में पैदा ना करे!
यहाँ केवल परिवार वाद चलता है, अभिनेता का बेटा जबरजस्ती अभिनेता बनता है और नेता का बेटा जबरजस्ती नेता!

प्रणाम-
लखन सिंह (मरे हुए देश का जिन्दा सेनिक)!
भारतीय सेनिक सियाचिन

Friday, February 3, 2012

 मुस्लिम   आरक्षण के मुद्दे पर एक जुट हो रहे है पर कभी भ्रस्टाचार, और पकिस्तान के खिलाफ कभी खुल के एक जुट होकर सामने नहीं आते है। मुस्लिमों को पकिस्तान और बंगलादेश दिया जा चुका है अब उन्हें क्या चाहिए पूरा भारत । क्या माननीय ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम साहब की राय ली है अलीगढ मुस्लिम विश्वविधालय और दारुल उलम , देबबंद ने। आज़ादी से पहले ये दोनों संस्थान एक दूसरे के विरोधी थे आज चोली दामन के साथ की बात करते है।  कहाँ है वो मुस्लिम जो बंगाल विभाजन के विरुद्ध सन १९०५ ई. जो हिन्दुओं के साथ सरकार की  फूट डालने की कोशिश के विरुद्ध   में एक हो गये थे ।  क्यों जब भी कोई आतंकवादी घटना  होती है तो हमेशा मुस्लिम नाम ही सामने आते है । क्या ये देश आपका नहीं है ? इन बातों से सिर्फ यही सिद्ध  होता है की वो इस  देश को अपना नहीं मानते । क्यों देश के कोई आन्दोलानो में मुस्लिमों की की कोई भागीदारी खुल के सामने नहीं आती है। क्या देश भक्ति का जज्बा उनके अंदर नहीं है  वो नहीं चाहते है की भारत में हर धर्म का व्यक्ति बिना भेदभाव के मिल के रहे । क्या इस्लाम देश के लिए और मानवता के लिए कोई फ़र्ज़ निभाने को नहीं बताता है ।  जब उनकी  तलवारे  दंगो में दूसरे धर्म के लोगो को मारने के लिए है उठ सकती है तो क्यों ये तलवारे देश के लिए नहीं उठती है क्यों ये तलवारे मानवता की रक्षा के लिए नहीं उठती है।महान सम्राट अकबर भी एक मुस्लिम था ।क्यों सूफी पंथ का विकास नहीं हुआ । मोईनुद्दीन चिस्ती का यही सन्देश था , क्या ? क्यों धर्म की खायी दिन-प्रतिदिन बढ रही है  क्यों मुस्लिम युवा धार्मिक एकता के लिए आवाहन नहीं करते। क्यों जब भी देश की बात आती है तो वे औरों से कई कदम पीछे दिखते है । आप एक बार आगे आकर आवाहन तो करो फिर देखना फिर देखना हर धर्म का व्यक्ति आपके साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा  होगा  ।

Thursday, February 2, 2012

वो कहते है कि भारत के लोग असभ्य थे
हमने भारत वालो को सभ्य बनाया ,
सन १७५७ ई. में उन्होंने हमारी
संस्कृति  को  निम्न दर्जे का  बोला
पर ७५०० वर्ष पहले सिन्धु सभ्यता
विश्व कि सर्वाधिक विकसित सभ्यता थी
खुद साम्राज्यवादी होकर हमें लोकतंत्र का
पाठ पदाते थे जब कि सिधु सभ्यता , वैदिक काल
, मौर्या काल, गुप्त काल  ये सब लोकतंत्र आधारित
राज्य थे ।
वो कहते है कि गैलिलियो ने विमान बनाया पर
प्रभु राम तो लंका विजय से पुष्पक विमान से अयोध्या
वापस आए ।
वो कहते है कि १७ वी शताब्दी  में न्यूटन
ने गुरुत्त्वकर्षण कि खोज कि पर आर्यभट ने तो
1500 वर्ष पहले इसकी खोज कर दी ।
वो कहते है कि गणित में वो पंडित है
उनकी प्रौधोगिकी सबसे उन्नत है
पर शून्य क़ी खोज आर्यभट ने गुप्त काल में क़ी  और पाई
का मान ३.१४१६ निकाला तब जा के उन्हें गिनती आई ।
वो कहते है कि उनकी मिसाइले अचूक है पर
प्रथ्विराज चौहान ने तो १२०० ई. में मुहम्मद गोरी को
शब्दभेदी वाण से काल के गाल में भेज दिया था ।
वो कहते है क़ी वो संम्पन्न  है  फिर क्यों दुनिया को
व्यापारी के भेश धर के लुटा ।
वो कहते है कि वो संस्कृति के रक्षक है
पर क्यों उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका क़ी इंका, माया  और एजटेक,
और अफ्रीका क़ी सभ्यताओं का समूल नाश कर दिया ।
वो कहते है क़ि उन्हें मानवता   क़ी चिंता है तो फिर क्यों
अफ्रीका के लोगो को दास बना के अमरीका भेजा ।






Wednesday, February 1, 2012

ज़रा सोचिये 
देश का विभाजान , हिन्दू - मुस्लिम दंगे , लाल बहादुरशास्त्री   की रहस्मय मौत , पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ,पूर्वोत्तर राज्यों की समस्या , नक्सल वाद , चीन का युद्ध ,२ जी , कोमनवेअल्थ , माइनिंग (अभी आने वाला है लगभग २५ लाख करोड़ ) घोटाला इत्यादि ये सब कांग्रेस की देन  है। यदि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार हो तो  कांग्रेस क्या क्या कर  सकती है ।
जागो - जागो मतदाता जागो , भ्रस्टाचार की रेल गाड़ी होर्न बजा रही है ।