Thursday, August 14, 2025

कन्नौज की जामा मस्जिद है सीता रसोई मंदिर।

Source- Statical, Description and Historical Account of the N-W Provinces, Farrukhabad District 



स्टेटिकल, डिस्क्रप्टिव एंड हिस्टोरिकल एकाउंट ऑफ द नार्थ-वेस्ट प्रोविन्सेस, फर्रुखाबाद डिस्ट्रिक्ट  के अनुसार कन्नौज के पुराने किले के बीच में स्थित  जामा मस्जिद मूल रूप से हिन्दू मन्दिर सीता रसोई मन्दिर है।

दरअसल पूर्वकाल में प्रभु श्रीराम के मन्दिरों को सीता रसोई मन्दिर कहा जाता था, इन मन्दिरों में तीन गुम्बद होते थे जिनमें प्रत्येक के नीचे भगवान के विग्रह को प्राण प्रतिष्ठित करने का स्थान होता था जो आज भी विद्यमान है।

इस एकाउंट के अनुसार सीता रसोई मन्दिर कन्नौज के पुराने किले के बीचोबीच एक टीले पर स्थित है। यह एक हिन्दू संरचना है जिसका मुस्लिम पूजा के लिए पुनर्विन्यास किया गया है।

जिसप्रकार कन्नौज के सीता सीता रसोई को मस्जिद में परिवर्तित किया गया ठीक उसी प्रकार जौनपुर के सीता रसोई मन्दिर को मस्जिद में परिवर्तित किया गया था। जौनपुर के सीता रसोई मन्दिर को आजकल जामा मस्जिद या बड़ी मस्जिद कहते है। ठीक इसीप्रकार अजमेर, बनारस,बदायूं, इटावा और जौनपुर के मन्दिरों को मस्जिद में परिवर्तित किया गया है।

ASI के प्रथम महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम के अनुसार वर्ष 1857 ई० से पहले एक मुस्लिम तहसीलदार द्वारा कन्नौज के सीता रसोई मन्दिर के हिन्दू चिन्हों व प्रमाणों को नष्ट किया गया था।

 कनिंघम ने जामा मस्जिद की दीवारों पर सीता रसोई मन्दिर के अवशेष देखे। जामा मस्जिद के खंभों में हिन्दू शिल्पकला स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

जामा मस्जिद खंभों के कमरों की बनी है जिसकी लंबाई 108 फ़ीट व चौड़ाई 26 फ़ीट है, जिसमें खम्भों की चार कतारें है, इसके सामने 95 फ़ीट चौड़ाई का एक खुला स्थान है जोकि 6 फ़ीट मोती दीवार से घिरा हुआ है।

बदायूँ की जामा मस्जिद मूल रूप से नीलकंठ महादेव मंदिर है, इटावा जामा मस्जिद मूल रूप से महेश्वर मन्दिर है, जौनपुर की अटाला मस्जिद मूल रूप से अटाला माता मंदिर है, जामा मस्जिद या बड़ी मस्जिद मूल रूप से सीता रसोई मन्दिर है।

ऐसे न जाने कितने अनगिनत मंदिर/दरगाह है जिनमें इतिहास दबा है जिनकी शिल्पकला हिन्दू शिल्पकला है जिनका उपयोग उनकी मूल प्रकृति के विरूद्ध हो रहा है। 

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