![]() |
| Source- JRASB, 1832 |
वर्ष 1832 ई० एशियाटिक सोसाइटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बती ग्रंथ डुल-वा-झुंग-ला-मा (Dul-va-zhung-la-ma) जिसे संस्कृत में विनय उत्तर ग्रंथ कहते है।
इस तिब्बती ग्रन्थ में शाक्य (गौतम बुद्ध) का उल्लेख है। इस ग्रंथ में गौतम बुद्ध को शाक्य कहा गया है।
इस ग्रंथ में शाक्य अर्थात भगवान बुद्ध को कौशल का निवासी बताया गया है, कौशल देश की सीमा कैलाश पर्वत तक फैली थी।
इसी ग्रंथ में शाक्य अर्थात गौतम बुद्ध या भगवान बुद्ध को राजा इच्छवाकु के वंशज बताया गया है, जिनका जन्म कपिलवस्तु में हुआ था।
वर्तमान में राजा इच्छवाकु के वंशज सूर्यवंशी क्षत्रिय है। राजा इच्छवाकु ही जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ है जिन्हें ऋषभनाथ भी कहा जाता है।

No comments:
Post a Comment